बंद कर

    प्राचार्य

    श्री सुभाष चंद

    प्रत्येक बीतता दिन नई चुनौतियाँ प्रस्तुत करता है जिनका सामना आत्मविश्वास और दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ करना होगा। प्रौद्योगिकी की प्रगति ने कई उपयोगी उपकरण प्रदान किए हैं जो शिक्षण को कहीं अधिक आसान और फायदेमंद बना सकते हैं। इंटरनेट और अन्य आईटी उपकरणों ने ज्ञान की एक नई दुनिया खोल दी है जो कक्षा में ही उपलब्ध है। सूचना तक पहुंच के अलावा, प्रौद्योगिकी का उपयोग अन्य चीजों के अलावा समस्या समाधान और आलोचनात्मक सोच कौशल विकसित करने, छात्रों को पढ़ने के अभ्यास को प्रेरित करने और संचार कौशल में सुधार करने के लिए भी किया जा सकता है। “प्रत्येक आंदोलन एक सुनहरे अवसर में, सीखने का, देने का, मदद करने का, प्यार करने का, पूरी तरह से जीने का अवसर”। आज शिक्षा कक्षा की चारदीवारी तक ही सीमित नहीं रह गई है। हमारे विद्यालय में गुणात्मक, मूल्यपरक गतिविधि उन्मुख शिक्षा प्रदान करने के लिए चौतरफा प्रयास किये जा रहे हैं। इस दिशा में उत्कृष्टता के लिए हमारे प्रयास ने हमें यह विश्वास दिलाया है कि बच्चे की रुचि और जिज्ञासा को हमेशा जीवित रखना होगा। हम स्कूल में एक आचरणशील और अनुकूल माहौल प्रदान करने में भी सफल रहे हैं ताकि शिक्षण और सीखने की गतिविधि सफलतापूर्वक हो सके।

    “शिक्षा एक ऐसी प्रक्रिया होनी चाहिए जो छात्र को सोचने का तरीका विकसित करने के लिए तैयार करती है, यह ज्ञात है कि केवल शिक्षाविदों में सफलता हमारा उद्देश्य नहीं है, बल्कि एक सही और सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ अच्छे और सोचने वाले व्यक्तियों का निर्माण करना है और उन्हें सामना करने के लिए तैयार करना भी है। वास्तविक जीवन की स्थिति”।